From ‘Why Hindi?’ to ‘Why NOT Hindi!’ — You Helped Me Change the Story! In the news | Being Swapnil Shukla
'हिंदी' फैशन में नहीं चलेगी? आपने ये भ्रम तोड़ दिया! प्रिय जांबाज़ पत्रकारों और निडर न्यूज़ आउटलेट्स, एक ज़ोरदार धन्यवाद उन सभी को, जिन्होंने फैशन मीडिया की पुरानी दीवारें गिराईं और उस कहानी को जगह दी, जिसे कभी असंभव कहा जाता था। आपकी रिपोर्टिंग ने सिर्फ मेरी आवाज़ नहीं उठाई — आपने करोड़ों हिंदी बोलने वालों की आवाज़ को वह मंच दिया, जो सालों से दबाई जा रही थी। साथ मिलकर हमने फैशन की इंग्लिश-मोनोपॉली की नींव हिला दी! किसी ने इसे क्रांति कहा, किसी ने हिम्मत — और किसी ने पागलपन। जो भी कहा, शुक्रिया कि आपने ये कहानी दुनिया तक पहुंचाई। चलिए, साथ मिलकर और तूफान मचाते हैं — और कुछ बासी जहाजों को डुबोते भी हैं! आभार के साथ (और थोड़ी बगावत भी), डॉ. स्वप्निल शुक्ला हिंदी की पहली ज्वेलरी जर्नलिस्ट | फैशन बागी | गर्वित नियम-तोड़ने वाली Dear Awesome Journalists & Fearless News Outlets, A BIG, bold THANK YOU for breaking the so-called “rules” of fashion media and giving space to a story that many once called unpublishable. Your coverage didn’t just highlight my journey — i...