स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन : ज़िंदगी





स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन : ज़िंदगी

नमस्कार ब्लॉग दोस्तों !

आप सभी  पाठकों के प्रेम व उनकी माँग पर अब आपका अपना ब्लॉग ' स्वप्निल सौंदर्य ' उपलब्ध है ई-ज़ीन के रुप में .द्वि-मासिक ई-पत्रिका के रुप में 'स्वप्निल सौंदर्य' में कुछ खास स्तंभों को भी सम्मिलित किया जा रहा है ताकि आप  अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया बनाते रहें. सुंदर सपने देखते रहें और अपने हर सपने को साकार करते रहें .तो जुड़े रहिये 'स्वप्निल सौंदर्य' ब्लॉग व ई-ज़ीन  के साथ .

और ..............

बनायें अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया .






स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन  के संस्थापक - संपादक 'श्री ऋषभ शुक्ला' द्वारा लिखित ' संपादकीय ' को आज अपने चिट्ठे पर पोस्ट कर रही हूँ . ज़िंदगी के नाम  स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन का प्रथम अंक मेरे लिए बेहद खास है . आशा है आप सभी पाठकों को भी यह पसंद आएगा .


Editorial :  From the first issue of Swapnil Saundarya e-zine .  Vol -01,  Issue -01,  June 2013

 

" जब खुदा हुस्न देता है, तो नज़ाकत आ ही जाती है ,
कदम ज़मीं पर पड़्ते हैं , तो कमर बलखा ही जाती है ."


ब खुदा हुस्न देता है तो उस हुस्न की चर्चा भी जरुर होगी... कभी सुर्ख लबों के मोती तो कभी ज़ुल्फों के साए मुह्ब्बत के रंगीन ज़माने को जवां बनाए रखेंगे ...... आपकी शेखी और अदा भी यूं ही बनी रहे इसकी कोशिश में  मैं, ऋषभ शुक्ल , प्रस्तुत कर रहा हूँ आप सभी के समक्ष अपनी द्वि - मसिक ई-पत्रिका  'स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन ' .

ज़िंदगी के हर पहलु को बयां करना आसान नहीं .... ज़िंदगी में हर पल खूबसूरत हों या आपकी ज़िंदगी बिना संघर्ष के खूबसूरती का पर्याय बन जाए , ये भी असंभव ही है ........वो कहा जाता है न कि " ये ज़िंदगी एक अजीब खिलौना है....हाथ आए तो मिट्टी .... और खो जाए तो सोना है ." ज़िंदगी के अनेकों रंग हैं ... अनेकों रुप हैं ..... दोस्तों ! ज़िंदगी का सफर कभी - कभी लगता जरुर बहुत लंबा है पर यह केवल मिथ्या है .....वास्तविकता तो यह है कि ज़िंदगी बहुत छोटी होती है ......देखते ही देखते वक़्त बीतता जाता है ...आप शिशु रुप में जन्म लेते है ...बाल्यावस्था के बाद यौवन और फिर वृ्द्धावस्था और उसके उपरांत 'मौत '..........बस यहीं तक सिमटी है ये ज़िंदगी ....... फैसला आप के हाथों में है कि अपनी इस छोटी सी ज़िंदगी में अपनी ज़िम्मेदारियों के साथ अपने हर खूबसूरत सपनों को साकार करें या ज़िंदगी के संघर्षों से हताश होकर ...उसे अपनी किस्मत मान बस अपनी ज़िंदगी के सफर को यूँ ही  बर्बाद करते रहें ............... 

मैं तो आप सभी से ये ही गुज़ारिश करुँगा कि  दिल खोल के ...बाँहे फैला कर अपनी ज़िंदगी के हर पल का स्वागत कीजिये ......... अपनी ज़िंदगी से मोहब्बत कीजिये ........उसकी सुंदरता को पहचानिये ....

और आप सभी अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया बना पाएं इस संदर्भ में ' स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन में वो सारी जानकारियाँ हमने संजोयी हैं जिसकी मदद से आप अपने ख्वाबों व ख्यालों को हक्कीकत में तब्दील कर सकें .

आप सभी की ज़िंदगी बन जाए आप की सपनों की दुनिया जिसमें न हो कोई गम, न बैर, न शिकवा . न शिकायत ...... दोस्ती का समा हो .....मोहब्बत की फिज़ा हो ....हर पल मुस्कुराये आप की ज़िंदगी .... फूल ही फूल राहों पे बिछाये - ये ज़िंदगी ..... आपके आँचल में मोतियों की बरसात हो ....... खुदा का आप पर हाथ हो ...........बस इसी दुआ के साथ 'स्वप्निल सौंदर्य' का यह अंक ज़िंदगी के नाम .

शुभकामनाओं सहित ,

आपका

ऋषभ.


Website :  www.rishabhrs.hpage.com






About  Rishabh Shukla 


 
Founder Editor /Design Entrepreneur 

 
Rishabh Shukla is an Indian freelance Interior Design Journalist , Stylist, Artist and Blogger. He specializes in trends analysis, design forecasting, art and design appreciation .In the beginning of his career , he worked as Interior and Product Designer and made a name for himself. Thereafter, in some renowned nationalised magazines, he has been allotted the responsibility for running a monthly column on Interiors. So, he start writing columns on Interiors and Vastu . Besides focusing on Interior Design Journalism, Rishabh also writes on women empowerment, child welfare, history recalls, Modern Society, Marriages, Reviews and Satires .Most inimitable style of his such as straightforwardness as well as honesty is truly remarkable and appreciated by many readers . Due to the  development of internet technology and community networking websites, he starts working as blogger and is running three blogs successfully .


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Presented and Posted by -

              Swapnil Shukla

Comments

  1. very nicely written blog .congrats

    -Mridula

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  2. विनिता दुबे28 July 2013 at 06:06

    बढ़िया लेख . बधाई आपकी ई-पत्रिका के लिए .

    - विनिता दुबे

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  3. what an amazing approach towards life . thanks for sharing this wonderous editorial with us .
    keep up the good work .

    Anita Bajpai

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  4. सूरज जैन28 July 2013 at 06:10

    बहुत सुंदरता से लिखा गया लेख . बधाई

    - सूरज जैन

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  5. पूर्णिमा शर्मा28 July 2013 at 06:12

    "दिल खोल के ...बाँहे फैला कर अपनी ज़िंदगी के हर पल का स्वागत कीजिये ......... अपनी ज़िंदगी से मोहब्बत कीजिये ........उसकी सुंदरता को पहचानिये .... " बस यही है ज़िंदगी का सार ..जिसने इसे समझ लिया , उसकी ज़िंदगी सचमुच उसके सपनों की दुनिया जैसी ही बन जाती है .
    बहुत सुंदर व सार्थक लेख . स्वप्निल जी व ऋषभ जी को बहुत- बहुत बधाई .

    - पूर्णिमा शर्मा

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  6. i saw your online magazine and congrats to you swapnil ji becoz this ezine is truly awesome.
    excellent editorial .

    Sumit Verma

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  7. विकास चौहान28 July 2013 at 06:17

    " ये ज़िंदगी एक अजीब खिलौना है....हाथ आए तो मिट्टी .... और खो जाए तो सोना है ." - प्रेरणादायी पंक्तियाँ.
    आभार व बधाई .

    - विकास चौहान

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  8. गौरव राठौर28 July 2013 at 06:18

    आपको ढेर सारी शुभकामनायें ......
    आपके सुंदर ब्लॉग की तरफ आपकी ई-पत्रिका भी सुंदरता फैलाती रहे और पाठकों की ज़िंदगी को उनके सपनों की दुनिया बनाती रहे.... ऐसी दुआ करते हैं हम .
    बधाई .
    ऋषभ जी ! ज़िंदगी के प्रति आपका नज़रिया काबिले- तारीफ है. आभार

    * गौरव राठौर , आगरा

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  9. आनंद प्रकाश28 July 2013 at 06:22

    प्रेरणादायी आलेख . बधाई

    - आनंद प्रकाश

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  10. स्वप्निल जी ! आपकी ई- ज़ीन के लिए आपको बहुत - बहुत बधाई व शुभकामनायें . विषय- वस्तु व प्रत्येक लेख बेहद उच्चस्तरीय हैं . आभार

    - विपुल

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  11. fabulous online magazine . very new concept and all the articles are very inspiring . keep blogging and keep up the good work .
    this editorial is truly impressive . Rishabh Shukla ji (Y) :) best wishes !!!!!!!!!!!!!!!

    - Amit Singh

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  12. i love all the columns of its first issue . waiting eagerly for the next issue .
    god bless -------------------------------

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    * Tanuja Bhatt

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  13. Siddharth Pandey29 July 2013 at 06:22

    lovely blog .
    congrats for your online mag.

    ********* Siddharth Pandey

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  14. स्वप्निल जी ! आपकी ई- ज़ीन के लिए आपको बहुत - बहुत बधाई व शुभकामनायें . विषय- वस्तु व प्रत्येक लेख बेहद उच्चस्तरीय हैं . आभार

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