Story Behind Swapnil Saundarya Desi Dolls
The Story and Philosophy behind Swapnil Saundarya Desi Dolls revealed by one of the renowned Nationalised magazines . Heartiest Thanks to everyone involved .
देसी गुड़ियों का खेल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से जिस 'मेक इन इंडिया' योजना की घोषणा जोर शोर से की थी उसी को आगे बढाने के लिए कार्य प्रगति पर है . आपको बता दें कि केबिनेट ने इस स्कीम को अमलीजामा पहनाने के लिए मंजूरी दे दी है जिसके तहत केपिटल गुड्स को बढावा दिया जाना तय हुआ है. 'मेक इन इंडिया' से तात्पर्य यह है कि अच्छी और जरुरत की चीज़ों का निर्माण ज्यादा से ज्यादा भारत में हो. ज्यादा से ज्यादा उत्पादों पर 'मेड इन इंडिया' लिखा हो और यह शब्द किसी वस्तु पर तभी अंकित किया जा सकता है जब उस वस्तु का निर्माण भारत में हुआ हो.
पी.एम. नरेन्द्र मोदी की 'मेक इन इंडिया' मुहिम की तर्ज पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रजिस्टर्ड डिज़ाइनर लाइफस्टाइल उत्पादों की क्रेता व विक्रेता फर्म 'स्वप्निल सौंदर्य लेबल' ने अभी हाल ही में देसी डाल्स को लाँच किया. स्वप्निल सौंदर्य देसी डॉल्स अपने आप में अदभुद एवं अद्वितीय हैं, जिसके कई कारण हैं. सर्वप्रथम ये डॉल्स पूर्णतया हाथ से बनाई गईं हैं और इनका निर्माण घागों द्वारा किया जाता है. एक डॉल को बनाने में साइज के हिसाब से दो से चार दिन का समय लग जाता है। ये डॉल्स पूरी तरह से केमिकल फ्री हैं अत: यदि इन्हें इको फ्रेंडलि डॉल्स के नाम से नवाज़ा जाए तो यह अतिशयोक्ति न होगा.
स्वप्निल सौंदर्य डॉल्स के पीछे की कहानी भी बेहद दिलचस्प व दिल को छूने वाली है. कंपनी के ओनर ऋषभ शुक्ला व स्वप्निल शुक्ला ने बताया कि , " स्वप्निल सौंदर्य की शुरुआत हमने 2014 में ई -कामर्स ब्रांड के रुप में की थी जिसमें हमने लाइफ़स्टाइल प्रोड्क्ट्स जैसे ज्वेलरी, इंटीरियर प्रोडक्ट्स ,फर्नीचर, पेंटिंग्स, सॉफ्ट फर्निशिंग्स आदि को लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया. हमारा उद्देश्य था लोगों की जीवनशैली को सुगम व सौंदर्यपरक बनाना .इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए हमनें स्वप्निल सौंदर्य डॉल्स की श्रृंख्ला का निर्माण किया जो बच्चों की अबोधता, मासूमियत को ध्यान में रख कर बनाई गईं हैं . जिन्हें देख कर बच्चों के साथ साथ बड़ो के चेहरों पर भी खिलखिलाहट आ जाए. अगर हम पुराने जमाने की बात करें तो हमारी दादी-नानी अपने घर के छोटे बच्चों के लिए कपड़े ,जूट आदि के इस्तेमाल से गुड़िया- गुड्डे बनाती थीं ,जिसमें वे अपना प्यार ,आर्शीवाद व अपनापन भी बुनती थीं.उसी सोच को आगे बढ़ाते हुए हमने स्वप्निल सौंदर्य डॉल्स का निर्माण किया ताकि हस्तकला रुपी यह विरासत आने वाली पीढ़ी को भी हमारे देश के गौरवशाली कला, इतिहास व संस्कर्ति की याद दिलाती रहे. यह विधा पुराने समय से हम सबके घरों में देखने को मिलती है। बस जरुरत है तो उसको नए जमाने के हिसाब से ढालने की। डॉल्स केमिकल फ्री हैं अत: बच्चों के लिए किसी भी प्रकार से नुकसानदेह नहीं हैं अर्थात इनसे खेलते समय बच्चों को चोट लगने की कोई संभावना नहीं होती और न ही इनके टूटने का डर होता है . इसके साथ ही हमारा उद्देश्य यह भी है कि बच्चों के हाथ में वो खिलौना आए जो उनमें रचनात्मकता का विकास करे और उनकी मासूमियत न छीने .वैसे भी बच्चों की अबोधता, उनकी नट्खट हरकतों व उनकी बाल क्रीडाएं बहुत कम समय के लिए ही देखने को मिलती हैं क्योंकि जैसे -जैसे बच्चा बड़ा होता है वैसे- वैसे उनमें उम्र के अनुसार मैच्योरनेस आने लगती है. इसलिए हमने स्वप्निल सौंदर्य डॉल्स में बच्चों के वही बाल्यावस्था के नटखट व अतुलनीय भावों पर काम किया और डॉल्स पर उतारा है. एक बच्चा यदि किसी से रुठ भी जाए तो भी बेहद प्यारा लगता है ,हमने उस भाव को भी अपनी डॉल्स में दर्शाया है ताकि बच्चे इन्हें खुद से जोड़ें और माँ-बाप अपने बच्चों की मासूमियत का भरपूर आनंद उठाएं. इसके साथ हमें यह भी विश्वास है कि स्वप्निल सौंदर्य डॉल्स को देख बड़ों के सामने भी उनके बाल्यावस्था की घुमिल होती यादें ताज़ा हो जाएंगी और उनके चेहरे पर भी हँसी जरुर आएगी.डॉल्स में आपको फेअरि, एंजल्स, मरमेड, सेंटा, रंग बिरंगा जोकर आदि मिलेंगे. इसके साथ ही स्वप्निल सौंदर्य डॉल्स की 'जोगा- बोगा' नामक नव श्रृंख्ला भी आप को बेहद पसंद आएगी. ये डॉल्स की रिंग्स व कार एक्सेसरीज के रुप में भी उपलब्ध हैं . इनको आप इंटीरियर एक्सेसरीज़ के रुप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं."
कंपनी के ओनर ऋषभ शुक्ला ने यह भी बताया कि, " हस्तकला द्वारा बनाई गईं वस्तुओं के निर्माण में पर्यावरण सुरक्षित रहता है साथ ही इसके जरिये हम हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को ,खासकर महिलाओं को भी अपने उद्योग में सम्मिलित कर उनकी स्थिति को मजबूत बनाने में अपनी सफल भागीदारी दे सकते हैं."
स्वप्निल सौंदर्य लेबल की डिज़ाइनर व को-ओनर स्वप्निल शुक्ला का कहना है कि. "भारत देश की संस्कृति को दर्शाने में हस्तकला की अहम भूमिका है. प्राचीन समय से ही भारतीय हस्तकला ने धार्मिक, मानवीय व सांप्रदायिक स्तर पर भारत को एक किया है . हस्तकला ने भारत में विविधता में एकता के कथन को सार्थक बनाया है."
हम सबने अपनी नानी-दादी को क्रोशिया से टेबल कवर, कपड़े आदि बनाते हुए तो देखा ही होगा। लेकिन उत्तर प्रदेश की इस भाई-बहन की जोड़ी ने इसको एक कदम आगे बढ़ाते हुए डॉल में तब्दील कर दिया है और यह भी सिद्ध किया है कि हम विदेशी डॉल से बेहतर डॉल अपने ही देश में बना सकते है जो हमारी अनमोल भारतीय विरासत का अभिन्न अंग बन हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखने की कहानी खुद ही बयाँ करती हैं. स्वप्निल शुक्ला ने हस्तकला, भारतीय संस्कृति , हमारी विरासत व बुजर्गों की यादों को व आधुनिक भारत के सुदृढ़ भविष्य को मेक इन इंडिया की तर्ज पर घागों में बुन कर वाकई युवा पीढ़ी की अद्वितीय सोच का ज्वलंत उदाहरण प्रस्तुत किया है . आज जे दौर में जहाँ हम अपने घरों में बुजर्गों की बातों को पुराना बता के हवा में उड़ा देते हैं वहीं आज की युवा पीढ़ी उसको ही नए ज़माने के हिसाब से सजाकर दुनिया के सामने पेश कर रही है, एक नयी सोच के साथ।
विज़िट करें www.swapnilsaundarya.hpage.com
- उत्तर प्रदेश ब्यूरो
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Beautiful Memories to cherish.
It feels extraordinary when you simply leave your home for some professional tasks and come back home with loads of beautiful memories of some great people and things to cherish.
This has often been the case after we attended a recent business seminar .
The best part is when you are suddenly struck by the beauty of simple things around you !!
I have in particular liked these chandeliers .....what a great use of Principle of Balance .
what a beautiful Mirror ! A great blend of Art and perfect craftsmanship .....
such beautiful paintings !! when one unexpectedly bumps into such beauties,it sure makes your day..
With ETV 's News Anchor and Sarkaar Aapke Dwaar Fame Mr. Rohit Singh .
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Certain pictures that we want to share with all of you of our new collection ' The Red Wine ' ....
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A story is published covering our company’s news on 'WORLDWIDE SUPERLATIVE HANDICRAFTS' . As one of the luxury goods manufacturing firms , we are indeed grateful for your willingness to include us in your coverage. Please extend our thanks to everyone involved.
Visit :: http://superlativehandicrafts.blogspot.in/2016/03/a-threading-story.html
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http://superlativehandicrafts.blogspot.in/2016/03/women-paintings-of-india.html
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