Glittering Updates ~ The Jewellery Journal | by Swapnil Shukla Part -1
SWAPNIL SAUNDARYA e-zine
Presents
Glittering Updates ~ The Jewellery Journal
Vol -04 , Year 2016 , Part - 1st
( From the Desk of Swapnil Saundarya ezine )
स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन - परिचय
कला , साहित्य, फ़ैशन, लाइफस्टाइल व सौंदर्य को समर्पित भारत की पहली हिन्दी द्वि-मासिक हिन्दी पत्रिका के चतुर्थ चरण अर्थात चतुर्थ वर्ष में आप सभी का स्वागत है .
फ़ैशन व लाइफस्टाइल से जुड़ी हर वो बात जो है हम सभी के लिये खास, पहुँचेगी आप तक , हर पल , हर वक़्त, जब तक स्वप्निल सौंदर्य के साथ हैं आप.
प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष की सफलता और आप सभी पाठकों के अपार प्रेम व प्रोत्साहन के बाद अब स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन ( Swapnil Saundarya ezine ) के चतुर्थ वर्ष को एक नई उमंग, जोश व लालित्य के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है ताकि आप अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया बनाते रहें. सुंदर सपने देखते रहें और अपने हर सपने को साकार करते रहें .तो जुड़े रहिये 'स्वप्निल सौंदर्य' ब्लॉग व ई-ज़ीन के साथ .
और ..............
बनायें अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया .
( Make your Life just like your Dream World )
Launched in June 2013, Swapnil Saundarya ezine has been the first exclusive lifestyle ezine from India available in Hindi language ( Except Guest Articles ) updated bi- monthly . We at Swapnil Saundarya ezine , endeavor to keep our readership in touch with all the areas of fashion , Beauty, Health and Fitness mantras, home decor, history recalls, Literature, Lifestyle, Society, Religion and many more. Swapnil Saundarya ezine encourages its readership to make their life just like their Dream World .
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Founder - Editor ( संस्थापक - संपादक ) :
Rishabh Shukla ( ऋषभ शुक्ला )
Managing Editor (कार्यकारी संपादक) :
Suman Tripathi (सुमन त्रिपाठी)
Chief Writer (मुख्य लेखिका ) :
Swapnil Shukla (स्वप्निल शुक्ला)
Art Director ( कला निदेशक) :
Amit Chauhan (अमित चौहान)
Marketing Head ( मार्केटिंग प्रमुख ) :
Vipul Bajpai (विपुल बाजपई)
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चेतावनी : 'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' ( Swapnil Saundarya ezine ) में घरेलु नुस्खे, सौंदर्य निखार के लिए टिप्स एवं विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के संबंध में तथ्यपूर्ण जानकारी देने की हमने पूरी सावधानी बरती है . फिर भी पाठकों को चेतावनी दी जाती है कि अपने वैद्य या चिकित्सक आदि की सलाह से औषधि लें , क्योंकि बच्चों , बड़ों और कमज़ोर व्यक्तियों की शारीरिक शक्ति अलग अलग होती है , जिससे दवा की मात्रा क्षमता के अनुसार निर्धारित करना जरुरी है.
Glittering Updates ~ The Jewellery Journal
Vol -04 , Year 2016 , Part - 1st
Jewellery & your Personality | by Swapnil Shukla
Vol -04 , Year 2016 , Part - 1st
Jewellery & your Personality | by Swapnil Shukla
Jewellery Care | by Swapnil Shukla
Hot Jewellery Trends | by Swapnil Shukla
हॉट ज्वेलरी ट्रेंड्स
हॉट ज्वेलरी ट्रेंडस की यदि बात की जाए तो आजकल कॉकटेल रिंग का क्रेज़ लोगों के सिर चढ़ बोल रहा है. फिंगर्स पर बड़ी कलरफुल कॉकटेल रिंग आपको स्टाइलिश लुक देती हैं.इसकी खासियत यह है कि अगर आप डिज़ाइन और शेप का थोड़ा सा ख्याल रखें तो ये लगभग हर तरह की पर्सनेलिटी को सूट करती है. तो आइये इस संदर्भ में जानते हैं कि किस तरह की फिंगर्स पर कौन से शेप और स्टाइल की रंग सूट करेगी.
अगर आपकी फिंगर्स लंबी और पतली हैं तो मारकीज शेप के बड़े स्टोन वाली रंग अवॉइड करें. इससे आपकी फिंगर्स बहुत पतली लगेंगी. ऐसी फिंगर्स पर ओवल और पीयर शेप की जगह राउंड शेप की कॉकटेल रिंग्स ज्यादा सूट करेंगी. अगर आपकी फिंगर्स ज्यादा पतली हैं तो पर्ल और मल्टीपल स्टोन वाली फ्लोरल रिंग सेलेक्ट करें.
शार्ट फिंगर्स के लिए मारकीज शेप स्टोन वाली रिंग सूटेबल है. इससे फिंगर्स पर लंबे होने का इल्यूज़न क्रिएट होगा. राउंड शेप की रिंग अवॉइड करें. ये आपकी फिंगर्स को छोटा दिखाती हैं. छोटी उंगलियों पर बड़ी सी रेक्टैंग्यूलर डिज़ाइन की रिंग काफी खूबसूरत लगती है.
नैरो फिंगर्स पर हार्ट और राउंड शेप की रिंग सूट नहीं करती . चौंड़े बैंड जैसी डिज़ाइन की रिंग से फिंगर्स थोड़ी वाइड लगेंगी. थिक बैंड रिंग पर हॉरिजाइंटल डिज़ाइन का एक बड़ा स्टोन भी सूट करता है साथ ही ये आपको क्लासी लुक देता है.
चौड़ी उंगलियों पर छोटी या क्लस्टर स्टोन रिंग्स ज्यादा सूट करती हैं. रिंग का डिज़ाइन ऐसा हो जिसमें आपकी फिंगर का वाइडर पार्ट शो ना हो. बैंड स्टाइल की रिंग पर एक बड़ा सा राउंड स्टोन आपकी फिंगर्स को सूट करेगा .
इसके अतिरिक्त हॉट ज्वेलरी ट्रेंडस के अंतर्गत खूबसूरत मोती के आकर्षण को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता हैं. इन दिनों मोती के आभूषण कुछ बदले अंदाज़ में, युवतियों को लुभा रहे हैं. बड़े मोती के ऊपर मढ़े छोटे मोती काफी अलग व खूबसूरत लगते हैं. इन्हें जोड़्कर आप अपनी मन पसंद डिज़ायन की माला भी तैयार कर सकती हैं. ये आपको काफी फैंसी लुक देगी. इस माला में कई रंगों के मोती पिरोने पर आप अपनी विभिन्न रंगों की पोशाक के साथ इसे पहन सकती हैं. वही डबल शेड के आकर्षण से सजे मोती भी बेहद खूबसूरत लगते हैं. बड़ा मोती यदि सफेद रंग का है और उसके ऊपर किसी अन्य रंग के छोटे मोती लगे है तो इससे डबल शेड का आकर्षण उत्पन्न होगा. विभिन्न रंगों के मोती को आप इस डबल शेड के आकर्षण से सजाकर मोती की माला को अपनी खास फ़ैशन एक्सेसरीज़ बना सकती हैं.
विभिन्न त्योहारों के मौंकों पर अलग - अलग एक्सेसरीज़ और आउटफिट खरीदने से बेहतर है कि कुछ ट्रेंडी पीस खरीदें और इन्हें मिक्स् - एंड- मैच करके हर दिन क्रिएट करें अपना एक अलग स्टाइल . ऐसे में आप अपने नेक के लिए लें मल्टीलेयर्ड चेन जिन्हें एक दिन आप बतौर नेक पीस पहन सकती हैं और चनिया- चोली के साथ इसे साइड वेस्ट बैंड की तरह भी ये काफी खूबसूरत लगेगा.
चंकी डैंगलर्स जिन्हें बतौर डैंगलर्स पहन सकती हैं, डिफरेंट लुक के लिए इसे मांग टीके के तौर पर और एक दिन इसे आप चेन के साथ अटैच करके पेंडेंट की तरह भी कैरी कर सकती हैं. डैंगलर्स पहनते वक़्त ध्यान रखें कि इनके साथ गले पर हैवी ज्वेलरी ना पहनें.
Gold & Investment | by Swapnil Shukla
सोना व निवेश ::
कीमती धातुओं की श्रेणी में 'सोना' सबसे प्रख्यात इन्वेस्टमेंट ( निवेश ) के रुप में जाना जाता है. भारत में शुरु से ही सोने का विशेष महत्त्व रहा है . निवेश के लिहाज से लोग इसे वर्तमान समय में भी सबसे सुरक्षित और विश्वसनीय विकल्प मानते हैं. बाज़ार में निवेश के अनेकों विकल्प होने के बावजूद लोग आज भी सोने में निवेश को ही प्राथमिकता देते हैं . शेयर , मुद्रा व प्रापर्टी को लेकर निवेशकों के विचार भले ही बदलते रहें परंतु सोने में निवेश को लेकर उनके विचार में कोई बदलाव नहीं आता , चाहे दाम में जितनी भी अधिक बढोत्तरी हो जाए उनका सोने के प्रति विश्वास कायम रहता है. सोने के सिक्के ( गोल्ड कॉइन ), इस श्रेणी में एक बेहतरीन विकल्प हैं. विशेष अवसर या किसी पर्व, उत्सव या त्योहार में भी इन्हें उपहार के रुप में बाँटने का प्रचलन है . परंतु इनकी खरीद करते वक़्त कुछ विशेष बातों पर गौर अवश्य फरमाएं.
सोने के सिक्के ( कॉइन) या बार ( पट्टी ) की यदि बात की जाए तो यह सोने व अन्य धातुओं के मिश्रण से तैयार किए जाते हैं ताकि इनमें मजबूती आ सके. इनमें विधमान सोने की परिष्कृ्तता व शुद्धता को " per mil ," या thousandths द्वारा स्पष्ट किया जाता है. उदाहरण के लिए, यदि एक सोने की सिल्ली ( ingot ) को 0.999 fine अर्थात परिष्कृ्त माना गया है तो इसका अर्थ यह होगा कि उसमें 999/1000 शुद्ध सोना है व 1/1000 अन्य धातुओं के मिश्रण हैं.
कैरेट वेट , एक पारंपरिक फ़्रैकशन बेसड सिस्टम है जो सोने की परिष्कृ्तता का द्योतक है परंतु आधुनिक विश्लेषण तकनीकों के चलते , सोने की सिल्ली व बुलियन को दशमलव ( decimal ) पद्धति द्वारा दर्शाया जाता है जिसके तहत 1.000 फाइननेस अर्थात परिष्कृ्तता, शुद्ध सोने की द्योतक है. हालांकि शत् प्रतिशत शुद्ध सोना अत्यधिक लचीला होने के कारणवश , इसे सिक्के या सिल्ली के रुप में उपयोग में नहीं लाया जा सकता . अत: विश्वस्तर पर 0.999 या इससे अधिक परिष्कृ्त सोने को 24 कैरेट सोने की संज्ञा दी गई है .
कैरेट व फाइननेस ( परिष्कृ्तता ) के बीच सह- संबंधता ::
24 karats = .999 fine or above
23 karats = .958 fine
22 karats = .917 fine (the UK gold coin standard)
21 karats = .875 fine
20 karats = .833 fine
18 karats = .750 fine
16 karats = .667 fine
14 karats = .583 fine
10 karats = .417 fine
फाइननेस अर्थात परिष्कृ्तता को प्राय: प्रतिशत के रुप में परिवर्तित कर दिया जाता है . उदाहरण के लिए यदि किसी सोने के सिक्के की परिष्कृ्तता 0.900 है , तो इसका अर्थ है कि वह 90.0% शुद्ध सोना है. यदि किसी सोने के सिक्के की परिष्कृ्तता 0.850 है तो इसका अर्थ है कि वह 85.0% शुद्ध सोने से लैस है.
यदि कॉइन ग्रेडिंग की बात करे तो प्रारंभिक समय में इसके लिए तीन साधारण शब्दों का प्रयोग किया जाता था : गुड, फाइन एवं अनसरक्यूलेटेड . परंतु 19 वीं शताब्दी के अंत व 20 वीं शताब्दी की प्रारंभ तक एक ठोस कॉइन ग्रेडिंग की आवश्यकता हुई. इसी संदर्भ में 1987 में नूमिज़मैटिक गारंटी कॉर्परेशन ( Numismatic Guaranty Corporation ) की स्थापना हुई.
भारत में निवेशक सोने में निवेश करने के लिए आभूषण , गिन्नी, बिस्किट और गोल्ड बार जैसे पारंपरिक तरीकों को अपनाते आ ही रहे हैं , वहीं आधुनिक तकनीक के इस युग में कई ऐसे निवेशक भी हैं जो सोने में निवेश करने के लिए गोल्ड म्यूचुअल फंड, गोल्ड ईटीएफ और ई- गोल्ड जैसे आधुनिक तरीकों पर भी गौर फरमा रहे हैं. निवेश के ये विभिन्न तरीके पारंपरिक तरीकों से काफी लाभदायक हैं क्योंकि पारंपरिक माध्यम से किए गए निवेश को बेचते समय कई तरह के शुल्क काटे जाते हैं जबकि आधुनिक तरीके कई प्रकार के लाभ निवेशकों को प्रदान करते हैं.
इसी संदर्भ में यदि गोल्ड म्यूचुअल फंड की बात करें तो इनके द्वारा, आप सोने के खनन में लगी कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश कर सकते हैं. इसका एक फायदा यह है कि गोल्ड म्यूचुअल फंड के जरिये निवेशकों को सिस्ट्मैटिक इनवेस्ट्मैंट प्लान ( सिप ) का विकल्प मिलता है जिसमें निवेशक अपनी क्षमता से इसमे निवेश कर सकता है . सिप के द्वारा निवेश को कम या ज्यादा किया जा सकता है .आप इसके जरिये 500 रुपए जैसी छोटी रकम् भी इसमें लगा सकते हैं. इसके लिए निवेशकों का बैंक डीमैट खाता होना चाहिये .गोल्ड म्यूचुअल फंड उन निवेशकों के लिए निवेश का बेहतर जरिया बनता जा रहा है जो बाज़ार में बड़े खेल नहीं खेलना चाहते और हाई - रिस्क से बचना चाहते हैं.
अन्य विकल्प के रुप में देखा जाए तो गोल्ड ईटीएफ या गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड सोने में निवेश का एक जरिया है. आप अपने डीमैट एकाउंट के जरिये 0.5 ग्राम सोने की खरीदारी कर सकते हैं. यह एक यूनिट फंड है और इसमें सोने की शुद्धता का पूरा आश्वासन दिया जाता है. गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको सोने के रख - रखाव , बीमा और सुरक्षा की चिंता नहीं करनी होती है. इसमें ब्रोकरेज शुल्क को छोड़कर किसी भी तरह का एंट्री और एक्सिट शुल्क नहीं लगता .
इसके अतिरिक्त ई- गोल्ड भी आधुनिक समय में निवेश का एक बेहतरीन विकल्प है . माँग को देखते हुए निवेशक सोने में इलेक्ट्रॉनिक रुप से भी निवेश कर सकते हैं. इसमे निवेशकों को अपने पेपर गोल्ड को वास्तविक गोल्ड में तब्दील करने का मौका मिल जाता है . निवेशकों के लिए इसमें एक फायदा यह है कि सोने की खरीद - बिक्री बड़े ही पारदर्शी तरीके से की जा सकती है. ईटीएफ की तुलना में ई- गोल्ड में चीज़ें काफी साफ हैं. निवेशक अपनी मर्ज़ी से सोने की खरीद व बिक्री कर सकते हैं.यहाँ कोई प्रबंधन शुल्क नहीं है जबकि कर के नियम भी छोटी व लंबी अवधि के लिए अलग- अलग हैं. इसके अतिरिक्त यहाँ निवेशकों की और से निर्णय लेने के लिए कोई थर्ड पार्टी मौजूद नहीं होती है. ई- गोल्ड की ट्रेडिंग तकरीबन दिन में 14 घंटे की जा सकती है जबकि बाज़ार में ईटीएफ की ट्रेडिंग सात घंटे से कम ही होती है . आभूषण , गिन्नी और गोल्ड बार जैसे पारंपरिक माध्यमों के साथ - साथ सोने में निवेश का पेपर फॉरमेट लोगों को काफी लुभा रहा है . महंगाई होने के बावजूद निवेशक इसमें निवेश करके काफी मुनाफा कमा रहे हैं.
White Allure | by Swapnil Shukla
श्वेत साज व श्रृंगार
श्वेत रंग की अपनी एक अलग अदा व सौंदर्य है. यह रंग पाकीज़गी, अबोधता, सिंपलिसिटी, सादगी व मन को शीतलता प्रदान करने वाला है. यह रंग संपन्न ,संभ्रांत व राजसी परिवार के सदस्यों की भी प्राथमिक सूची में शामिल होता है. श्वेत रंग आभूषणों के अभिकल्प में एक अलग भूमिका निभाता है और उनके सौंदर्य ममें इज़ाफा करता है . आइये इस संदर्भ में जानते हैं श्वेत रंग के गहने किस प्रकार आपके व्यक्तित्व की चमक बढ़ा सकते हैं और आपके सौंदर्य को एक बेहतरीन परिवेश में ढाल सकते हैं.
श्वेत धातुओं की यदि बात की जाए तो प्लेटिनम , पृथ्वी की सबसे कीमती धातुओं में से एक है. प्लेटिनम का इतिहास प्राचीन है व यह अपने चरम पर सन 1920 में पहुँचा ,उस वक़्त लोग के बीच आर्ट डेको स्टाइल अधिक प्रचलन में था. प्लेटिनम प्राकृतिक रुप से श्वेत होता है व इट्ली में अधिक प्रचलित है. प्रत्येक वर्ष भारी मात्रा में इटली में विवाह की अंगूठियों की खरीद होती है. वर्तमान समय में भारतीय आभूषण उद्योग अंतर्राष्ट्रीय ट्रेंड्स को अपना रहा है . जिसके परिणामस्वरुप प्लेटिनम को आज विभिन्न डिज़ाइनर्स , आभूषण क्रेताओं व विक्रेताओं की पहली पसंद माना जा रहा है. अब भारत में भी एक से बढ़कर एक प्लेटिनम धातु से निर्मित आभूषण मनमोहक अभिकल्पों व सहज कीमतों पर उपलब्ध हैं.
प्लेटिनम के आभूषण की देख रेख पर काफी सावधानी बरतनी पड़ती है. प्लेटिनम से निर्मित आभूषणों को केमिकल्स आदि की पहुँच से दूर रखना चाहिये. इन्हें मुलायम कपड़े से लैस डिब्बे में रखना चाहिये . प्लेटिनम के आभूषणों की माँग को देखते हुए यह पूर्वानुमान लगाना गलत न होगा कि भविष्य में प्लेटिनम आभूषणों का क्रेज लोगों के सिर चढ़ कर बोलेगा.
श्वेत आभूषणों की श्रेणी में अब बात करते हैं हीरों की. ' हीरे' को कुदरत का सबसे अनमोल तोहफा माना जाता है. हीरा , शक्ति, वैभव, प्रेम व प्रभुत्व को दर्शाता है. अंग्रेजी में 'डायमंड' शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द 'एडमस' से हुई जिसका अर्थ है 'जिसे कोई हरा न सके'. ग्रीक माइथोलॉजी के अनुसार हीरे ईश्वर के अश्रुओं से निर्मित होते हैं. आभूषण निर्माता भी समझते हैं कि हीरे और प्लेटिनम का संगम एक बेहतरीन अभिकल्प को जन्म देता है. शायद इसलिए प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय डिज़ाइनर्स कार्टियर व टिफ्नी ने अपने ज्यादातर आभूषणों के डिज़ाइन्स को प्लेटिनम व हीरे के बेमिसाल संगम द्वारा तैयार किया. वैसे तो हीरा विभिन्न रंगों में उपलब्ध है पर कलर लेस अर्थात रंगविहीन हीरा आज भी अनमोल है. आज के समय में भी लोग हीरे के आभूषणों के दीवाने हैं. हीरे को एक स्त्री का सबसे प्रिय मित्र माना जाता है. इनकी परख 4C's के आधार पर की जाती है. कट, कलर , क्लेरिटी व कैरेट द्वारा हीरे की गुणवत्ता की जाँच की जाती है.
इसके बाद बात करते हैं व्हाइट गोल्ड की बेमिसाल चमक की. व्हाइट गोल्ड सबसे पहले 1920 में प्लेटिनम के विकल्प व सबस्टिट्यूट के रुप में यूरोप बाज़ार में उतारा गया .धीरे धीरे इसकी लोकप्रियता इतनी अधिक बढ़ गई कि यह महिलाओं की पसंद बन गया. आज के समय में व्हाइट गोल्ड विवाह के गहनों में भी इस्तेमाल किया जा रहा है. रोडियम पॉलिश द्वारा इनसे तैयार आभूषणों की चमक को बढ़ाया जाता है.
इसके अतिरिक्त श्वेत रंग की बात करते ही सबसे पहले हमारी आँखों के समक्ष जो छवि उत्पन्न होती है वह छवि होती है सफेद 'मोतियों' की. शायद इसी लिए अक्सर लोगों को कहते सुना होगा , 'मोतियों से सफेद दाँत' . मोती महिलाओं के साथ साथ पुरुषों के लिए भी आकर्षण का केंद्र रही हैं. वैसे तो मोती विभिन्न रंगों में उपलब्ध हैं जैसे पीले, गुलाबी, लाल ,भूरे व हरे रंग की मोतोयाँ . पर इन सबमें सबसे प्रचलित है सफेद मोती . मोती को समुद्र की रानी कहा जाता है. मोती ,अपनी खूबसूरती, चमक व सादगी के कारण प्रचलित हैं. राजा रानियों के बीच भी मोतियों से लैस आभूषण अधिक प्रचलित थे. कहा जाता है रानी विक्टोरिया सदैव मोतियों व हीरों से लैस नेकलेस धारण करती थीं. निज़ाम व हैदराबाद के नवाब भी मोतियों के आभूषणों को प्राथमिकता देते थे. असली मोतियों की दुर्लभा के कारण आज इनकी जगह कल्चर्ड पर्ल्स ने ले ली है. पुरातन समय की तरह ही आज भी मोतियों का महत्व किसी भी प्रकार से कम नहीं हुआ है और महिलायें इन्हें धारण कर अपने व्यक्तित्व को श्वेत साज व श्रृंगार से अलंकृत कर रही हैं.
- स्वप्निल शुक्ला ( Swapnil Shukla )
ज्वेलरी डिज़ाइनर ( Jewellery Designer )
फ़ैशन कंसलटेंट ( Fashion Consultant )
श्वेत धातुओं की यदि बात की जाए तो प्लेटिनम , पृथ्वी की सबसे कीमती धातुओं में से एक है. प्लेटिनम का इतिहास प्राचीन है व यह अपने चरम पर सन 1920 में पहुँचा ,उस वक़्त लोग के बीच आर्ट डेको स्टाइल अधिक प्रचलन में था. प्लेटिनम प्राकृतिक रुप से श्वेत होता है व इट्ली में अधिक प्रचलित है. प्रत्येक वर्ष भारी मात्रा में इटली में विवाह की अंगूठियों की खरीद होती है. वर्तमान समय में भारतीय आभूषण उद्योग अंतर्राष्ट्रीय ट्रेंड्स को अपना रहा है . जिसके परिणामस्वरुप प्लेटिनम को आज विभिन्न डिज़ाइनर्स , आभूषण क्रेताओं व विक्रेताओं की पहली पसंद माना जा रहा है. अब भारत में भी एक से बढ़कर एक प्लेटिनम धातु से निर्मित आभूषण मनमोहक अभिकल्पों व सहज कीमतों पर उपलब्ध हैं.
प्लेटिनम के आभूषण की देख रेख पर काफी सावधानी बरतनी पड़ती है. प्लेटिनम से निर्मित आभूषणों को केमिकल्स आदि की पहुँच से दूर रखना चाहिये. इन्हें मुलायम कपड़े से लैस डिब्बे में रखना चाहिये . प्लेटिनम के आभूषणों की माँग को देखते हुए यह पूर्वानुमान लगाना गलत न होगा कि भविष्य में प्लेटिनम आभूषणों का क्रेज लोगों के सिर चढ़ कर बोलेगा.
श्वेत आभूषणों की श्रेणी में अब बात करते हैं हीरों की. ' हीरे' को कुदरत का सबसे अनमोल तोहफा माना जाता है. हीरा , शक्ति, वैभव, प्रेम व प्रभुत्व को दर्शाता है. अंग्रेजी में 'डायमंड' शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द 'एडमस' से हुई जिसका अर्थ है 'जिसे कोई हरा न सके'. ग्रीक माइथोलॉजी के अनुसार हीरे ईश्वर के अश्रुओं से निर्मित होते हैं. आभूषण निर्माता भी समझते हैं कि हीरे और प्लेटिनम का संगम एक बेहतरीन अभिकल्प को जन्म देता है. शायद इसलिए प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय डिज़ाइनर्स कार्टियर व टिफ्नी ने अपने ज्यादातर आभूषणों के डिज़ाइन्स को प्लेटिनम व हीरे के बेमिसाल संगम द्वारा तैयार किया. वैसे तो हीरा विभिन्न रंगों में उपलब्ध है पर कलर लेस अर्थात रंगविहीन हीरा आज भी अनमोल है. आज के समय में भी लोग हीरे के आभूषणों के दीवाने हैं. हीरे को एक स्त्री का सबसे प्रिय मित्र माना जाता है. इनकी परख 4C's के आधार पर की जाती है. कट, कलर , क्लेरिटी व कैरेट द्वारा हीरे की गुणवत्ता की जाँच की जाती है.
इसके बाद बात करते हैं व्हाइट गोल्ड की बेमिसाल चमक की. व्हाइट गोल्ड सबसे पहले 1920 में प्लेटिनम के विकल्प व सबस्टिट्यूट के रुप में यूरोप बाज़ार में उतारा गया .धीरे धीरे इसकी लोकप्रियता इतनी अधिक बढ़ गई कि यह महिलाओं की पसंद बन गया. आज के समय में व्हाइट गोल्ड विवाह के गहनों में भी इस्तेमाल किया जा रहा है. रोडियम पॉलिश द्वारा इनसे तैयार आभूषणों की चमक को बढ़ाया जाता है.
इसके अतिरिक्त श्वेत रंग की बात करते ही सबसे पहले हमारी आँखों के समक्ष जो छवि उत्पन्न होती है वह छवि होती है सफेद 'मोतियों' की. शायद इसी लिए अक्सर लोगों को कहते सुना होगा , 'मोतियों से सफेद दाँत' . मोती महिलाओं के साथ साथ पुरुषों के लिए भी आकर्षण का केंद्र रही हैं. वैसे तो मोती विभिन्न रंगों में उपलब्ध हैं जैसे पीले, गुलाबी, लाल ,भूरे व हरे रंग की मोतोयाँ . पर इन सबमें सबसे प्रचलित है सफेद मोती . मोती को समुद्र की रानी कहा जाता है. मोती ,अपनी खूबसूरती, चमक व सादगी के कारण प्रचलित हैं. राजा रानियों के बीच भी मोतियों से लैस आभूषण अधिक प्रचलित थे. कहा जाता है रानी विक्टोरिया सदैव मोतियों व हीरों से लैस नेकलेस धारण करती थीं. निज़ाम व हैदराबाद के नवाब भी मोतियों के आभूषणों को प्राथमिकता देते थे. असली मोतियों की दुर्लभा के कारण आज इनकी जगह कल्चर्ड पर्ल्स ने ले ली है. पुरातन समय की तरह ही आज भी मोतियों का महत्व किसी भी प्रकार से कम नहीं हुआ है और महिलायें इन्हें धारण कर अपने व्यक्तित्व को श्वेत साज व श्रृंगार से अलंकृत कर रही हैं.
- स्वप्निल शुक्ला ( Swapnil Shukla )
ज्वेलरी डिज़ाइनर ( Jewellery Designer )
फ़ैशन कंसलटेंट ( Fashion Consultant )
About SWAPNIL SHUKLA ~
A Jewellery Designer, Fashion Consultant, Artist, Fashion Columnist and Author. Attended SDPW, New Delhi.
Swapnil Shukla is an Indian Jewellery Designer, Couturier ,Columnist and Artist . She specializes in trends Forecasting, Lifestyle, Fashion, Gemology , Art and Astrology. After graduating from South Delhi Polytechnic for Women , New Delhi ( First with Distinction ) , she studied export management and start working as freelance designer and undertook jewellery design projects.
She also worked as Design Columnist for many Nationalized Magazines and started the famous and highly traffic grabber fashion & Lifestyle blog 'Swapnil Saundarya' available in English as well as in Hindi . Swapnil has also authored two books namely ‘Gehne – The Art of wearing Jewellery’ and Fashion Pandit . She has launched her own Designer Jewellery brand namely 'Swapnil Jewels & Arts' and now with a desire to add new dimensions to the design and Art industry , she started ' Swapnil Saundarya Label ' with a motive to make everybody's life beautiful and just like their Dream World .
In the words of Swapnil , "All my designer products are very close to my heart because all of them are intricate yet striking, bold yet feminine. They truly represents the spirit of a woman "
" My greatest satisfaction is a happy client ", she added.
Nature, Art, Various Cultures, Religion inspired Swapnil in designing.
Swapnil says, " Jewellery is an expression of form, shape, function creatively with techniques old & new. With revere for the traditional techniques of jewellery making, my endeavour is to showcase a collection that is conformist to the technique & non-conformist in the way it is rendered.
Parallel to it is the collection that follows the modern techniques of jewellery making with coloured gemstones, pearls...left best to the imagination!!!
Swapnil has worn several hats , Jewellery Designer, Fashion Consultant, Craft Expert, Writer and Painter. More recently she diversified into Handicraft Products as an experiment in her journey in design .
Every experiment in her life she avers has been … “a step in my journey of growth and self discovery, a kaleidoscopic part of life that enriches the fabric of my work and existence.”
She also worked as Design Columnist for many Nationalized Magazines and started the famous and highly traffic grabber fashion & Lifestyle blog 'Swapnil Saundarya' available in English as well as in Hindi . Swapnil has also authored two books namely ‘Gehne – The Art of wearing Jewellery’ and Fashion Pandit . She has launched her own Designer Jewellery brand namely 'Swapnil Jewels & Arts' and now with a desire to add new dimensions to the design and Art industry , she started ' Swapnil Saundarya Label ' with a motive to make everybody's life beautiful and just like their Dream World .
In the words of Swapnil , "All my designer products are very close to my heart because all of them are intricate yet striking, bold yet feminine. They truly represents the spirit of a woman "
" My greatest satisfaction is a happy client ", she added.
Nature, Art, Various Cultures, Religion inspired Swapnil in designing.
Swapnil says, " Jewellery is an expression of form, shape, function creatively with techniques old & new. With revere for the traditional techniques of jewellery making, my endeavour is to showcase a collection that is conformist to the technique & non-conformist in the way it is rendered.
Parallel to it is the collection that follows the modern techniques of jewellery making with coloured gemstones, pearls...left best to the imagination!!!
Swapnil has worn several hats , Jewellery Designer, Fashion Consultant, Craft Expert, Writer and Painter. More recently she diversified into Handicraft Products as an experiment in her journey in design .
Every experiment in her life she avers has been … “a step in my journey of growth and self discovery, a kaleidoscopic part of life that enriches the fabric of my work and existence.”
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