|| An Interview with Mr Anurag Agrawal , Founder- Editor of POWER CODE By SWAPNIL SAUNDARYA ||












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Tête-à-Tête with Mr Anurag Agrawal 


युवा शक्ति का लोहा दुनिया भर में माना जाता है लेकिन युवा शक्ति को सकारात्मकता की ओर मोड़ना बहुत बड़ी चुनौती होती है और जहाँ इस शक्ति को सही दिशा में मोड़ा जा सका है वहीं नई ऊँचाइयाँ नापी जा सकी हैं। इस बात में तनिक भी संदेह नहीं कि युवा शक्ति की उर्जा का सकारात्मक कार्यों में उपयोग करना समाज और सरकार की सामूहिक ज़िम्मेदारी है और इसे निभा कर ही युवाओं को सृजनात्मक कार्यो में लगाया जा सकता है।

ये बात सर्वव्यापी है कि भारत में युवाओं की जितनी संख्या है, उतनी और कहीं नहीं है। भारत के साथ एक सकारात्मक पहलू यहाँ के युवाओं का संस्कारी होना है। पश्चिमी देशों में युवाओं के पथभ्रष्ट होने की काफी आशंका रहती है, उसकी तुलना में भारत में ऐसा होने की आशंका बहुत कम है।

इतने सारे सकारात्मक पहलुओं के बावजूद अगर युवाओं में नकारात्मकता पैदा हो रही है, तो इसे दूर करने के लिए समाज में हर स्तर पर प्रयास की जरूरत है । 

समाज का युवा वर्ग विभाजित सा है, एक तरफ महानगरों की युवा शक्ति है, जो निजी क्षेत्रों में लगातार सफलता के नए आयाम छू रही है, वहीं दूसरा पहलू हम हिंसक घटनाओं के रूप में रोज टी.वी पर देख रहे हैं । युवाओं की इस नकारात्मक शक्ति को सकारात्मकता की ओर मोड़ना समाज और सरकार का सामुदायिक दायित्व होना चाहिए। आज युवा पीढ़ी को उनकी बात सही प्रकार से रखने का व अपने विचारों , अपनी समस्याओं को उचित प्रकार से जन- जन तक पहुँचाने के लिए व्यापक व सुदृढ़ मंच की भी आवश्यकता को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता । उचित मार्गदर्शन व एक मजबूत प्लेटफार्म के अभाव में युवा वर्ग असंतोष की ओर अग्रसर होता दिखाई दे रहा है . वर्तमान समय में यदि युवाओं को एक ऐसा मंच उपलब्ध करवाया जाए जहाँ वे पूर्ण स्वतंत्रता के साथ अपने विचार, परेशानियाँ, देश के बदलते स्वरुप व अनेकों सामाजिक, राजनीतिक , आर्थिक ,सांस्कृतिक आदि मुद्दों पर अपने भावों व अनुभवों को सबके साथ सांझा कर सकें तो निश्चित रुप से बेहतरीन परिणाम दृष्टिगोचर होंगे ।

इस संदर्भ में युवा सोच व नज़रिये को बेबाकी से उजागर करती अंग्रेज़ी भाषा में उपलब्ध भारत की पत्रिका पॉवर कोड ( POWER CODE ) , निश्चित रुप से  युवा वर्ग की उन्नति में एक  मील का पत्थर सबित हो रही है. 

पॉवर कोड ( POWER CODE ) ,  मुख्यत: युवाओं को समर्पित भारत की  पत्रिका है  जो युवा मुद्दों, समाचार, युवा समस्याओं को प्रभावित करने वाले कारकों व उन्हें हल करने के तरीके, स्वास्थ्य , फैशन, इंटीरियर्स , साक्षात्कार, करियर, बिजनेस इत्यादि से जुड़े मुद्दों पर  युवाओं को उनकी राय ज़ाहिर करने  और अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए मंच प्रदान करती है.


युवाओं के पास दुनिया को बदलने की शक्ति है .... और पॉवर कोड (POWER CODE )  पत्रिका वास्तव में इस कथन का ज्वलंत उदाहरण है.














स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन की साक्षात्कार श्रृंखलाओं के नवीनतम अंक में, हमने पत्रकारिता के क्षेत्र में लगभग 17 वर्षों से कार्यरत व सफल भूमिका निभाने वाले पत्रकार  व पॉवर कोड के  संस्थापक -संपादक जो किसी पहचान के मोहताज नहीं,  श्री अनुराग अग्रवाल जी (  Mr Anurag Agrawal , Founder- Editor of  POWER CODE )  से बात की....पेश है उनसे बातचीत के कुछ अंश ::


अपने बारे में कृप्या कर संक्षिप्त परिचय दें .

मेरे पिता एक सरकारी अधिकारी थे .चूंकि उनकी नौकरी हस्तांतरणीय थी ,इसलिए  मेरा बचपन  विभिन्न शहरों में गुज़रा.....स्कूली शिक्षा के बाद मैंने क्राइस्ट चर्च कॉलेज , कानपुर से स्नातक की शिक्षा पूर्ण की.



पॉवर कोड शुरू करने के आपके निर्णय में किस कारक ने योगदान दिया?

पत्रकारिता में अपने 17 साल के लंबे करियर के बाद, मैं अपना खुद का कार्य शुरू करना चाहता था.... आप कह सकते हैं कि हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंन्द्र मोदी जी, पॉवर कोड को शुरु करने के पीछे के अनेकों कारकों में से एक थे   क्योंकि वे अक्सर दो बातें कहते हैं :  अपने स्वयं का काम करें और हमारा देश एक युवा देश है..... इसलिए मैंने अपनी खुद की पत्रिका अर्थात 'पॉवर कोड' को युवाओं के लिए प्रकाशित करने का फैसला किया.



पॉवर कोड ( Power Code ) के द्वारा आप जिस प्रकार की पत्रकारिता को  वितरित कर रहे हैं उससे भारत में मौजूदा मीडिया दृश्य में क्या अंतर आएगा?

सर्वप्रथम, पॉवर कोड ( Power Code ) केवल युवाओं के लिए है.... द्वितीय, हम पॉवर कोड के ज़रिये उन युवाओं को मंच प्रदान करना चाहते हैं जिनके पास प्रतिभा है लेकिन कोई भी उन्हें रोशनी में नहीं लाता है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पत्रिका युवाओं के साथ है, युवाओं के लिए है..... इसलिए हम युवाओं को इस पत्रिका का हिस्सा बनने और उनके विचारों को हमारे साथ सांझा करने के लिए आमंत्रित करते हैं.


आप सोशल मीडिया और मुख्यधारा से जुड़ी मीडिया को कैसे देखते हैं? क्या ये एक दूसरे के खिलाफ हैं अथवा ये एक-दूसरे के सहायक हैं?

मेरे विचार में आप सोशल मीडिया और मुख्य धारा से जुड़ी मीडिया की तुलना नहीं कर सकते हैं...ये दो अलग-अलग धाराएं हैं.. मुख्य मीडिया के पास लाइसेंस है और वे अपने हर समाचार के लिए उत्तरदायी हैं लेकिन सोशल मीडिया पूर्णतया स्वतंत्र है और इसमें शामिल किसी भी समाचार के लिए किसी व्यक्ति विशेष को उत्तरदायी घोषित करना आसाना नहीं है....दरअसल हमें इसे "मीडिया" नहीं कहना चाहिए, बल्कि इसे "सामाजिक माध्यम" कहना ज्यादा उचित है.




अपनी ज़िंदगी के 19वें वर्ष से लेकर वर्तमान समय तक एक लेखक के रूप में अपने विकास के विभिन्न चरणों से हमें अवगत कराएं ?

ओह, अपनी ज़िंदगी के19वें वर्ष के दौरान मैंने कभी लिखने का विचार नहीं किया था.....वह अलग समय था... वर्तमान समय में युवा बहुत प्रतिभाशाली हैं और वे हमारी पीढ़ी की तुलना में बहुत बुद्धिमान हैं (हँसते हुए ).


पत्रकारिता के पेशे में प्रवेश करने वाले युवाओं के लिए आपकी सलाह क्या होगी?

वर्तमान परिप्रेक्ष्य की यदि बात की जाए तो पत्रकारिता का रुप अत्यधिक व्यावसायिक हो गया है. फिर भी इस पेशे में आने के इच्छुक युवाओं को मेरी सलाह यह होगी कि यदि आप 15-18 घंटों तक काम करने के लिए तैयार हैं,  अपने व्यक्तिगत जीवन का त्याग करने का हौसला रखते हों और लेखन के प्रति गहरा रुझान हो तो  निश्चित रुप से पत्रकारिता के क्षेत्र में आएं .याद रखिये पत्रकार बनाए नहीं जा सकते , वे पैदा होते हैं.


आपकी पसंदीदा किताब कौन सी है?

बचपन से ही मैं पुस्तकों से दूर भागता था ( हँसते हुए ).....मुझे पढ़ने के लिए समय नहीं मिलता है लेकिन मुझे सफल लोगों की आत्मकथा बेहद पसंद हैं.


आप पत्रकारिता के क्षेत्र में लंबे समय से जुड़े हैं और अत्यंत सफल व सराहनीय भूमिका निभा रहे हैं....इस क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद से आज तक आपके अनुसार इस पेशे में कितना बदलाव आया है?

पत्रकारिता के क्षेत्र में  काफी बदलाव आया है..... आधुनिक समय में इसकी गुणवत्ता कम हो गई है और यह पूरी तरह से व्यावसाय बन गया है. इससे ज्यादा कुछ नहीं  कह सकता.



क्या पत्रकारिता कौशल के लिए मापदण्ड अभी भी पहले जैसे ही हैं ? 

पत्रकारिता के कुछ परंपरागत  नियम अभी भी पहले जैसे ही हैं. आज के समय में, विभिन्न प्रतिष्ठित मीडिया हाउसेज़ के प्रमुखों की बात मानें तो उनके अनुसार, एक आदर्श पत्रकार मल्टीटास्किंग  (अगणनीय कार्यों ) में निपुण होना चाहिए जो विपणन से लेकर पत्रकारिता तक सब कुछ कर सकता हो लेकिन  इस संबंध में मेरी राय भिन्न  है...एक पत्रकार प्रकृति से एक ईमानदार व्यक्ति होना चाहिए........ उसे निडर, वफादार, दयालु, भरोसेमंद, भावुक और दृढ़ होना आवश्यक है.


वर्तमान समय में आए दिन नई वेबसाइट्स से हमारा साक्षात्कार हो रहा है ..ऐसे में क्या गत वर्षों से चले आ रहे परंपरागत प्रकाशकों का प्रभाव कम होता जा रहा है ? आपके अनुसार कौन सा समय अधिक प्रभावशाली है, आज का समय या पुराना समय ?

हर क्षेत्र में पुराने अनुभव और नई ऊर्जा के मिश्रण की आवश्यकता होती है. उदाहरण के लिए घर पर हमें अपने माता-पिता के मार्गदर्शन और बच्चों की अबोधता की आवश्यकता होती है .... राजनीति में हमें पुराने और नए मिश्रण की आवश्यकता होती है...... पत्रकारिता में भी यही नियम है .... हर वस्तु - विशेष का अपना अलग प्रभाव, महत्व और प्रेरणा है.


पॉवर कोड ( Power Code ) की विषय-वस्तु से हमें अवगत कराएं .आपने इसके कंटेंट की योजना कैसे बनाई? संपादकीय टीम की संरचना किस प्रकार हुई ?

पॉवर कोड ( Power Code ) का कंटेंट बहुत सरल और खरा है ....यह मुख्यत: युवाओं के बारे में है..... पॉवर कोड के माध्यम से मैं  यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि अधिक से अधिक युवाओं को इस पत्रिका का हिस्सा बनाया जाए.....हमारी संपादकीय टीम समाज के सभी क्षेत्रों से प्रतिभाशाली युवाओं को खोजने की कोशिश करती है.


क्या किसी विशिष्ट क्षेत्र को कवर करते समय प्रिंट सबसे अच्छा काम करता है?

हां, प्रिंट हमेशा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तुलना में सबसे अच्छा और अधिक आसान और आरामदायक है.


यदि आप इतिहास में किन्हीं तीन लोगों के साथ रात्रिभोज करना चाहें तो वे कौन होंगे?

इस फेहरिस्त में तीन से अधिक लोग शामिल हैं लेकिन फिर भी लाल बहादुर शास्त्री, सुभाष चंद्र बोस और मर्लिन मुनरो मेरी प्राथमिकता सूची में शामिल हैं.


युवा होने का क्या मतलब है? हमें युवाओं को सशक्त बनाने की ज़रूरत क्यों है?

युवा का सीधा अर्थ है ऊर्जा और इस ब्रह्मांड में हर चीज़ ऊर्जा द्वारा ही संचालित व क्रियान्वित होती है लेकिन केवल तभी जब ऊर्जा का सही उपयोग किया जाए.


पाठकों के लिए संदेश ...........

मेरा संदेश युवाओं के लिए विशेष रूप से होगा.....अपनी ऊर्जा का सही दिशा में प्रयोग करें, अपने जुनून को  सही दिशा प्रदान करें....... अपना काम पूरी शिद्दत के साथ करें...... अपनी जरूरतों के लिए इंटरनेट का उपयोग  करें पर उसकी लत में गिरफ्तार न हों.......सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ज़िंदगी में हमें आगे बढ़ने के अनेकों अवसर प्राप्त होते हैं ........ तो यदि आप पहली बार में असफल भी हो जाएं तो सदैव दूसरे, तीसरे, चौथे अवसर का सदुपयोग करें... कभी उदास मत हों.......ज़िंदगी के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाएं.






अनुराग अग्रवाल जी , आपके बहुमूल्य समय के लिए आपको हृदय से आभार .




Power Code , a leading Youth  magazine from India that geared towards the  youth demographic of the country and curates info on Youth issues, News, Social Problems Affecting Youth Today and Ways to Solve them,  Health & Fitness, Fashion, Interiors, interviews, Career , Business  etc. with the aim to support young people by giving  them a platform to voice their opinions and  display their talents.







Swapnil Saundarya ezine : An Intro




Launched in June 2013, Swapnil Saundarya ezine has been the first exclusive lifestyle ezine from India available in Hindi language ( Except Guest Articles ) updated bi- monthly . We at Swapnil Saundarya ezine , endeavor to keep our readership in touch with all the areas of fashion , Beauty, Health and Fitness mantras, home decor, history recalls, Literature, Lifestyle, Society, Religion and many more. Swapnil Saundarya ezine encourages its readership to make their life just like their Dream World .





स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन - परिचय



 कला , साहित्य,  फ़ैशन व सौंदर्य को समर्पित भारत की पहली हिन्दी लाइफस्टाइल  ई- पत्रिका के षष्ठम चरण अर्थात षष्ठम वर्ष में आप सभी का स्वागत है . 

फ़ैशन व लाइफस्टाइल  से जुड़ी हर वो बात जो है हम सभी के लिये खास, पहुँचेगी आप तक , हर पल , हर वक़्त, जब तक स्वप्निल सौंदर्य के साथ हैं आप. गत वर्षों की सफलता और आप सभी पाठकों के अपार प्रेम व प्रोत्साहन  के बाद अब स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन  ( Swapnil Saundarya ezine )   के षष्ठम वर्ष को एक नई उमंग, जोश व लालित्य के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है ताकि आप अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया बनाते रहें. सुंदर सपने देखते रहें और अपने हर सपने को साकार करते रहें .तो जुड़े रहिये 'स्वप्निल सौंदर्य' ब्लॉग व ई-ज़ीन  के साथ .

और ..............

बनायें अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया .
( Make your Life just like your Dream World ) 


Founder - Editor  ( संस्थापक - संपादक ) :  
Rishabh Shukla  ( ऋषभ शुक्ला )

Managing Editor (कार्यकारी संपादक) :  
Suman Tripathi (सुमन त्रिपाठी) 

Chief  Writer (मुख्य लेखिका ) :  
Swapnil Shukla (स्वप्निल शुक्ला )

Art Director ( कला निदेशक) : 
Amit Chauhan  (अमित चौहान) 

Marketing Head ( मार्केटिंग प्रमुख ) : 
Vipul Bajpai (विपुल बाजपई) 



'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' ( Swapnil Saundarya ezine )  में पूर्णतया मौलिक, अप्रकाशित लेखों को ही कॉपीराइट बेस पर स्वीकार किया जाता है . किसी भी बेनाम लेख/ योगदान पर हमारी कोई ज़िम्मेदारी नहीं होगी . जब तक कि खासतौर से कोई निर्देश न दिया गया हो , सभी फोटोग्राफ्स व चित्र केवल रेखांकित उद्देश्य से ही इस्तेमाल किए जाते हैं . लेख में दिए गए विचार लेखक के अपने हैं , उस पर संपादक की सहमति हो , यह आवश्यक नहीं है. हालांकि संपादक प्रकाशित विवरण को पूरी तरह से जाँच- परख कर ही प्रकाशित करते हैं, फिर भी उसकी शत- प्रतिशत की ज़िम्मेदारी उनकी नहीं है . प्रोड्क्टस , प्रोडक्ट्स से संबंधित जानकारियाँ, फोटोग्राफ्स, चित्र , इलस्ट्रेशन आदि के लिए ' स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता .

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चेतावनी : 'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन '  ( Swapnil Saundarya ezine )   में घरेलु नुस्खे, सौंदर्य निखार के लिए टिप्स एवं विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के संबंध में तथ्यपूर्ण जानकारी देने की हमने पूरी सावधानी बरती है . फिर भी पाठकों को चेतावनी दी जाती है कि अपने वैद्य या चिकित्सक आदि की सलाह से औषधि लें , क्योंकि बच्चों , बड़ों और कमज़ोर व्यक्तियों की शारीरिक शक्ति अलग अलग होती है , जिससे दवा की मात्रा क्षमता के अनुसार निर्धारित करना जरुरी है.  






The Faces behind Swapnil Saundarya ezine


Nobody else gets to live your life .....
You are the
A r t i s t .....

Paint your picture.....

​D r e a m
your own
masterpiece  
into being !



Rishabh , an Art and Design Journalist , Editor, Design Consultant, Visual Artist and Author, studied at the renowned INIFD ( International Institute of Fashion Design ) in Delhi having 8 + years of work experience in the areas like Interior Design , Art & Colour Consultancy , Retail Design & Visual Merchandising , Art Appreciation, Product Designing, Writing & Design blogging. Rishabh specializes in stylish make overs & soft grooming of living spaces. Working for Swapnil Saundarya Label and Rishabh Interiors and Arts simultaneously , Rishabh has own acclaims from both critics and common people . He has held several art exhibitions and these have brought excellent response every time . Rishabh has authored two books on Interiors namely Ek Aashiyane ki Oar – A Guide for Residential Interiors and Supreme Home Therapy and works as editor in chief of Swapnil Saundarya ezine ( An online Magazine dedicated to Art , Aesthetics, Culture , heritage and Literature ) and Supreme Home Therapy ( An Interior Design Magazine ). Rishabh  blogs on Art, Interiors, Lifestyle and Society. He is also associated with the causes like ‘ Say No to Domestic Violence’, ‘ Fight Against Child Abuse’ and ‘ Whole Body Donation’ and his association with these social causes , represents in his paintings as well . Rishabh has received the excellence award 2016 in Fine Arts from Uttar Pradesh Art Society and Youth Trailblazer Award in Contemporary Writing  from North Indian Merchants' Association in 2017. Rishabh has also got featured on 'The Elegant Life' as young Indian entrepreneur who successfully started with almost nothing and set a milestone in his 20s.


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Swapnil Shukla is a Jewellery designer , Design Journalist, crafts expert and artist from India .She is the FIRST Jewellery Journalist and Fashion Columnist who writes and educates her readers about the most intricate subjects i.e Fashion , Jewellery and Lifestyle in 'HINDI' language.Swapnil’s work appears in a wide variety of notable Indian publications. Swapnil made her fashion columns and knowledge available to the hindi language people .  As a self-confessed ‘enthusiast of beautiful things’, Swapnil is also the chief Designer and co -owner of Swapnil Saundarya Label , which is a luxury craft manufacturing firm . Swapnil  has worked as Jewellery and Fashion Columnist/Journalist  for many Nationalized Magazines and started the famous and highly traffic grabber fashion & Lifestyle blog ‘Swapnil Saundarya’ available in English as well as in Hindi . Swapnil has also authored two books namely ‘Gehne – The Art of wearing Jewellery’ published in 2012 and Fashion Pandit published in 2014 . She has launched her own Designer Jewellery brand namely ‘Swapnil Jewels & Arts’ and now with a desire to add new dimensions to the design and Art industry , she started ‘ Swapnil Saundarya Label ‘ with a motive to make everybody’s life beautiful and just like their Dream World . She has received the 'Excellence Award 2016' in Fine arts from Uttar Pradesh Art Society. Swapnil has worn several hats , Jewellery Journalist, Columnist , Designer, Fashion Consultant, Craft Expert, Writer and Painter. More recently she diversified into Handicraft Products as an experiment in her journey in design . She recently got featured on 'The Elegant Life' as young Indian entrepreneur who successfully started with almost nothing and set a milestone in her 20s.

She presently works as Director & Chief Writer of Swapnil Saundarya ezine , which is an online publication that curates articles and info. on Art, Fashion , Jewels, Lifestyle, Interiors, Health Tips, Finance, Beauty, Religion , Entrepreneurship , Interviews, History Recalls and many more.




























HAND OF FATIMA By SWAPNIL SAUNDARYA 











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