विशिष्ट प्रतिभा के धनी : प्रो. चिन्मय मेहता







This appeared  in Swapnil Saundarya ezine : Vol- 01, Issue - 05, March- Arpril 2014


विशिष्ट प्रतिभा के धनी : प्रो. चिन्मय मेहता 





लाकार की दृ्ष्टि केवल किसी वस्तु विशेष के बाहय रुप से ही टकराकर नहीं लौट आती बल्कि वह उसके भीतर के रहस्य का भी पता लगा लेना चाहती है. समस्त कला साधकों की दृ्ष्टि अज्ञात, अज्ञय और अगोचर से आँख मिलाने की इच्छा लेकर साधना - पथ पर अग्रसर होती है . कला के इस रहस्य को ह्रदयंगम करके जब कोई प्रतिभावान कलाकार रचना करता है , तो वह अद्वितीय एवं अतुल्य कलाकृ्ति को जन्म देता है . स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन के पंचम अंक के विशेष कॉलम में जिस विशेष शख्सियत की विशिष्ट प्रतिभा को आप सभी पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है , वे हैं : 'प्रो. चिन्मय मेहता जी '.

राजस्थान की कला व संस्कृ्ति को अपनी बेमिसाल व अतुल्य चित्रकारी व शिल्प कला के ज़रिए एक नया आयाम देने वाले चिन्मय मेहता जी भारतीय कला के धारा के धारक एवं वाहक जैसे हैं.






1942 में चित्तौड़्गढ़ जिले के कस्बे बड़ी सागड़ी में जन्में प्रोफेसर चिन्मय जी की कला का सूरज देश विदेश में चमकता दमकता हुआ , भारतीय कला जगत को गौरवान्वित कर रहा है . चिन्मय जी की अद्वितीय प्रतिभा चित्रकला , शिल्प के साथ -साथ वॉल पेंटिग्स ( म्यूरल्स ) एवं आर्किटेक्च्यूरल डिज़ाइनर के रुप में भी फैली है.
जयपुर ,राजस्थान स्थित चोखी ढाणी व हैदराबाद स्थित ढोला री ढाणी, सर्वतोमुखी प्रतिभाओं के धनी चिन्मय जी की विशिष्ट एथ़निक व देशी स्थापत्य कला के प्रत्यक्ष उदाहरण हैं. इसके अलावा राजकोट, उदयपुर व जोधपुर में इनकी प्रतिभा व कला कृ्तियों के दर्शन सुलभ हो सकते हैं.

1963 में आगरा विश्वविद्यालय से चित्रकला में परास्नातक एवं 1984 में पी. एच. डी उपाधि प्राप्त श्री चिन्मय मेहता जी सांस्कृ्तिक कार्यकर्ता के रुप में भी सक्रिय हैं. 'आयाम '- इंस्टीट्यूट आफ आर्ट एण्ड कल्चर, जयपुर  के चेयरपर्सन के तौर पर उनकी भूमिका व योगदान सराहनीय है.

प्रोफेसर चिन्मय जी ने भारतीय जीवन में सक्रिय रुप से एकात्म होकर कला जगत एवं कला प्रेमियों को राजस्थान की महान संस्कृ्ति और विरासत को अपने चित्रों, शिल्प व म्यूरल्स ( भित्ति - चित्र ) में अंकित कर , कला जगत में अपना महान व अनुकरणीय योगदान प्रस्तुत किया है .

इनके द्वारा बड़ी ही खूबसूरती, परिश्रम से रचे व गढ़े गए  भित्ति - चित्र ( म्यूरल्स ) देखते ही बनते हैं. बात चाहे जयपुर स्थित रेमण्ड शोरुम की हो या नटराज रेस्तराँ , जयपुर में इनके द्वारा तैयार किये गए उभारदार भित्ति - चित्र या गणपति प्लाज़ा के फ़'साड में बनाया गया उभारदार  भित्ति - चित्र , इनका कार्य अत्यंत प्रभावशाली व बेहतरीन है .








जहाँ पैपर मैश द्वारा बनाया गया उभारदार भित्ति - चित्र, ऊर्जा भवन , जयपुर की शान है तो लंदन के नामचीन रेस्तराँ  में बनी 1800 वर्ग फीट की वॉल पेंटिंग , चिन्मय जी की कला उपलब्धियों व  गौरव में इज़ाफा करती है. ये तो चंद उदाहरण मात्र हैं , चिन्मय जी ने न जाने कितने ही कला के छात्रों के भीतर कला के बीज का अंकुरण कर उसे एक विशाल वृ्क्ष में तब्दील किया है. राजस्थान ललित कला अकादमी के पूर्व चेयरमैन व राजस्थान यूनिवर्सिटी के फाइन आर्टस डिपार्टमेंट के वरिष्ठ प्रोफेसर व डीन के तौर पर , कला के क्षेत्र में अदभुत योगदान देकर , अपने पद की गरिमा को कायम रखा . ललित कला अकादमी द्वारा उन्हें नेशनल एकेडमी अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है .






चिन्मय जी के विलक्षण व्यक्तित्व को व उनकी प्रतिभा को बयां करने में शब्द शायद कम पड़ जाएं . पता नहीं स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन के विशेष कॉलम के ज़रिये चिन्मय मेहता जी को आप सभी पाठकों के कितना निकट ला पाया हूँ . प्रो. चिन्मय मेहता जी के व्यक्तित्व व कला के क्षेत्र में उनके योगदान के बारे में लिखते हुए ऐसा महसूस हुआ कि चिन्मय जी का कला के प्रति समर्पण अदभुत है . अपने में खो जाना ही तो , कभी किसी का हो जाना है " ...... चिन्मय जी ने कला को अपने व्यक्तित्व में इस प्रकार समा लिया है और उसमें खो के वे कला के एक बेहतरीन व प्रतिभावान पर्याय बन गए हैं. स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन टीम की ओर से प्रो. चिन्मय मेहता जी को ढेर सारी शुभकामनाएं व आभार .


To Know more about Prof. Chinmay Mehta , click here,

http://issuu.com/swapnilsaundaryaezine/docs/life_of_a_great_artist_-_prof_chinm

Story of a Great Artist :  Prof. Chinmay Mehta
( From the Desk of Swapnil Saundarya e zine )










Contact :

Prof. Chinmay Mehta
www.chinmaymehta.com



- ऋषभ शुक्ला
( संस्थापक - संपादक )









copyright©2012-Present Swapnil Shukla.All rights reserved

No part of this publication may be reproduced , stored in a  retrieval system or transmitted , in any form or by any means, electronic, mechanical, photocopying, recording or otherwise, without the prior permission of the copyright owner.  

Copyright infringement is never intended, if I published some of your work, and you feel I didn't credited properly, or you want me to remove it, please let me know and I'll do it immediately.




Comments